प्रदेश के सभी जोन के आपराधिक मामले शून्य
'काँठ केसरी'
लखनऊ। यूपी में बीते ढाई साल में यह पहला मौका था जब किसी दिन पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म या डकैती की वारदात न हुई हो। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों को भी यकीन नहीं हो रहा है कि इस दिन प्रदेश के 75 जिलों में एक भी गंभीर अपराध नहीं हुआ।
दरअसल राम मंदिर पर फसले को लेकर पुलिस ने व्यापक तैयारी की थी। 8 नवंबर की रात जब ये पता चला कि नौ नवंबर को सुबह साड़े 10 बजे फैसला आने वाला है तो डीजीपी से लेकर थाने तक पुलिस मुस्तैद हो गई। मोर्चा खुद डीजीपी ओपी सिंह ने संभाला। उस समय डीजीपी आगरा मे थे। उन्होंने वहीं से अधिकारियों को वहीं से निर्देश देने शुरू कर दिए। रात में ही पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। सोशल मीडिया पर निगरानी शुरू हो गई। आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार और सोशल मीडिया सेल में काम करने वाले तमाम पुलिस कर्मियों ने साइबर पेट्रोलिंग शुरू कर दी।
प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण और नज़र रखने के लिए डीजीपी मुख्यालय में कंट्रोल रूम है। 9 नवंबर की घटनाओं के लिए जब जोन स्तर से डीजीपी मुख्यालय ने आंकड़े जुटाने शुरू किये तो हर जोन से गंभीर अपराध के सभी मामले शुन्य-शुन्य आने लगे। डीजीपी मुख्यालय को एक बार तो इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं हुआ और जिलों से चेक कराने के बाद दोबारा आंकड़े मांगे गए तो भी यही आंकड़ा आया।